मानवाधिकार दिवस

कपासन, 10 दिसंबर:
“व्यक्ति का चरित्र कांच की भांति उज्ज्वल और स्वच्छ होना चाहिए,” ऐसे विचार शिक्षाविद और लेखक, अकादमिक निदेशक शिवनारायण शर्मा ने आर.एन.टी. कॉलेज, कपासन की एनएसएस, आरआरसी, और रोवर स्काउटिंग इकाई द्वारा मानवाधिकार दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किए।

शिवनारायण शर्मा ने मानव अधिकारों की महत्ता बताते हुए छत्रपति शिवाजी के चरित्र का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति अपने चरित्र को प्रकाश की दीवार बनाए रखे, तो वह मानवता का सजग प्रहरी बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों का बोध होना आवश्यक है, तभी मानवता और समाज के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता उपाचार्य डॉ. ओ.पी. सुखवाल ने की। उन्होंने महिलाओं और बालकों के अधिकारों पर चर्चा करते हुए कहा कि अधिकार मांगने पर ही प्राप्त होते हैं और व्यक्ति को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहते हुए अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को छोटे-छोटे दायित्व निभाते हुए कर्तव्यनिष्ठ बनने की प्रेरणा दी।

एनएसएस और आरआरसी प्रभारी एच.एल. अहीर ने मानवाधिकारों की उत्पत्ति और उनके कारणों पर विश्लेषणात्मक चर्चा की, जबकि निखिल गर्ग ने राजस्थान मानवाधिकार आयोग पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम का सफल संचालन एच.एल. अहीर ने किया और सभी का आभार आर.एन. विजयवर्गीय ने व्यक्त किया। आयोजन ने मानवाधिकारों की महत्ता पर गहन चर्चा और जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया।