’’योग हमारी शक्ति, एकाग्रता व कार्यक्षमता को बढाता है।’’

ऐसे विचार रवीन्द्रनाथ टैगोर महाविद्यालय में आयोजित 10वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर महाविद्यालय प्रबन्ध निदेषिका नीमा खान ने कहे। निदेषिका नीमा खान ने योग के महत्व को बताते हुए कहा कि योग के बिना जीवन अधूरा है, व्यक्ति को योग को अपने जीवन का आभूषण बनाना चाहिये। योग से शरीर स्वस्थ व मन नियंत्रित रहता है।
अकादमिक निदेषक षिवनारायण शर्मा ने बताया कि विष्व योग दिवस पर आयोजित योगा कार्यक्रम में भारतीय दर्षन में योगा का वर्णन करते हुए कहा कि रोग, तनाव व दुख मुक्त जीवन योग के बिना सम्भव नहीं है। योग से सभी रोगों को केन्द्रित व सन्तुलित कर सकते हैं। योग से व्यक्ति अपने स्वभाव में परिवर्तन ला सकता है तथा अपने भीतर प्रसुक्त ज्ञान व शक्ति का पूर्ण जागरण कर सकता है। योगा कार्यक्रम में एनएसएस प्रभारी एच एल अहीर ने विद्यार्थियों को योग एवं व्यायाम में अन्तर बताते हुए सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम करवाकर इसका महत्व बताया। योग टीचर गायत्री लढा एवं अंजू चाष्टा ने ताडासन, चक्रासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, धनुरासन, सेतुबंध आसन, पष्चिमोत्तासन, तिर्यक ताडासन, कटि चक्रासन एवं मत्स्येन्द्रासन आदि आसन करवाकर अभ्यास करवाया तथा इनका महत्व बताया।