’’संस्कृत भाषा संस्कारों की जननी है।’’ ऐसे विचार आर.एन.टी. कॉलेज ऑफ टीचर एज्यूकेषन, कपासन के षिक्षा शास्त्री पाठ्यक्रम के निमित्त व्यावसायिक अभिक्षमता कौषल विकास कार्यक्रम के तहत संस्कृत सम्भाषण षिविर के समापन समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व जिलाषिक्षाधिकारी एवं अकादमिक निदेषक षिवनारायण शर्मा ने कहे। शर्मा ने षिक्षा शास्त्री विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्षनी की प्रषंसा करते हुए संस्कृत भाषा को सभी भाषा की जननी बताते हुए कहा कि संस्कृति, संस्कार व संस्कृत एक दूसरे के पर्यायवाची हैं,